Dard bhari shayari
by ishqkalam
लौटकर फिर वह इश्क के जमाने नहीं आते यह गुलशन तो आ जाते हैं विराने नहीं आते समझ लेती है शम्मा उनको भूला भूला सा अफसाना जो जल जाते हैं फिर वह याद पर परवाने नहीं आते।
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Heart
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Heart
Heart
माना की मौत से बदतर है इंतजार,
अपनी तमाम उम्र गुजरी है इंतजार में।
वह जो इश्क का दरिया देने वाला था
पाला था नासूर बन के बह रहा है अब रफ्ता रफ्ता।
Heart
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dard bhari shayari
जी भर के मांग लो तुम मेरी मौत की दुआ
निकलेगी ना मेरी जान तेरी जान के बगैर।