Ada Jafri  shayari

काँटा सा जो चुभा था वो लौ दे गया है क्या घुलता हुआ लहू में ये ख़ुर्शीद सा है क्या

एक आईना रू-ब-रू है अभी उस की ख़ुश्बू से गुफ़्तुगू है अभी

जिस की बातों के फ़साने लिक्खे उस ने तो कुछ न कहा था शायद

‘सहर’ अब होगा मेरा ज़िक्र भी रौशन-दिमाग़ों में मोहब्बत नाम की इक रस्म-ए-बेजा छोड़ दी मैं ने

Ada Jafri

एक पाकिस्तानी लेखिका और कवयित्री थीं,अदा जाफ़री (Ada Jafri )। यह पहली  उर्दू में कविता लिखने वाली महिला बनी। इनकी कहानी के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। कवयित्री होने के साथ-साथ वे एक लेखिका भी थी और समकालीन उर्दू साहित्य मे उनका विशिष्ठ स्थान है।