Attitude shayari
आदत हो गई थी उसे मेरे न होने की। मैंने भी उसे पंख दे दिए उड़ने के लिए।
चल जा तुझे याद करेंगे पर, बात नहीं करेंगे।
हम भी, तुम्हें अगर, ओरो की तरह दिखते हैं।
तो नजरअंदाज करते वक्त ध्यान न दिया करो।
जा उतार लेना, अब खुद को।
अब नहीं, ज़हन में समेटेगे।
किस ज़िद और घमंड को लिए बैठो हो अंदर।
ज़रा देखो कोई ओर भी बैठा होगा तेरे अंदर।
सुन, आज तेरी याद बहुत आई। पर तुझे आवाज़ नहीं लगाईं।
उस शख्स की ओर नहीं देखेंगी ये निगाहें।
जिसने इन्हें बिन मौसम के यूं ही बरसाया है।
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