Hindi shayari
समझ जाता अगर मुझको
तो हर दिन से मुहब्बत होती।
कोई हमसे दूर न हो
इसलिए …
नजदीकियां न बढ़ाना बेहतर है।
बोलकर मुहब्बत करने वाले क्या जाने
बिन बोले कैसे की जाती है मुहब्बत।
आप मेरे है या मैं आप हूं
अगर हां, तो मुझे आप से नहीं
अपने आप से मुहब्बत है।
मैं दूर हो कर भी उसके पास रही
वह पास होकर भी मुझ से दूर रहा।
खामोश कोई…. कैसे रह जाता है।
इश्क ही है रोग
जो बिन कहे….. सहा जाता है।
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मेरा प्रेम तुम्हारे प्रेम से कई अधिक ऊंचा है।
जो हर बार तुम्हारे प्रेम के आगे झुक जाता है।
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