shayari on zindagi

जिंदगी से मुझे कोई शिकवा नहीं, बस तुम यूं ही मेरी बनी रहना।

जिंदगी से पूछा मैंने तू इतनी कठिन क्यों है …. वो बोली साहब मैं तो तुम्हारी हूं इसे आसान बना लो।

जिंदगी एक खुली किताब उम्र भर रहेगी तुम्हारे साथ।

जरूरी नहीं साथ निभाने के लिए, जिंदगी भर साथ रहना पड़े।

जिंदगी एक मेला, उसके दर्द में तू अकेला।

हर एक दर्द को अपना बना लो … हर एक खुशी को दिल में समा लो … यही जिंदगी सिखाती है इसे अपना लो।

जिंदगी हमें ख्वाब दिखाती, हकीकत में ये हमें आजमाती।