Poem on world|world|poem world day

by HARNEET KAUR (Ishq Kalam)
                                                    Poem on world|lines on world
मैं अपने blog में आपका स्वागत करती हूं आज मैं आपके साथ एक शब्द जिसे कहते हैं दुनिया,के बारे में चर्चा करूंगी। दुनिया क्या है? कैसी है?क्या सोचा है किसी ने।
दुनिया बहुत बड़ी है। इस दुनिया में हम आ कर चले भी जाएंगे फिर भी हमें मालूम नहीं पड़ेगा कि दुनिया कैसी हैं।आज मैं आपके साथ कुछ पंक्तियां share करूंगी। जिसका नाम है-
 
क्या सोचा है किसी ने
दुनिया बहुत बड़ी है
इंसानों से वह जड़ी हैं
एक दूसरे के साथ खड़ी है
क्या सोचा है किसी ने।
दुनिया इंसान से है
या इंसान दुनिया से
कोई तो मुझे बताएं
क्या सोचा है किसी ने।
दुनिया कैसी है
हम कहते हैं यह गोल हैं
यह सबसे अनमोल है
क्या सोचा है किसी ने।
 दुनिया में आकर इंसान ने
खुद को कुछ बनाया है
प्यार हो या नफरत
सबको अपनाया है
क्या सोचा है किसी ने।
Duniya bahut badi hai
Insaano se veh jadi hai
Ek doosre ke sath khadi hai
Kya socha hai kisi ne
Duniya Insaan se hai
Ya Insaan duniya se
Koi to mujhe bataye
Kya socha hai kisi ne
Duniya kaisi hai
Hum kahate hai yeh gol hai
Yeh sab se anmol hai
Kya socha hai kisi ne
Duniya mai aa kar insaan ne
Khud ko kuchh banaya hai
Pyaar ho ya nafrat
Sabko apnaya hai
Kya socha hai kisi ne

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